श्याम नाम मिश्री सा,पीले घोल घोल


जय श्याम-श्याम तूं बोल बन्दे,श्याम
श्याम तूं बोल
श्याम नाम मिश्री सा,पीले घोल घोल .......
जय श्याम-श्याम तूं बोल ....
एक नाम श्री श्याम का,क्या से क्या कर देता
अन्धकार जीवन को,ज्योतिर्मय यह कर देता
फिर क्यूँ करता देरी,जय श्याम-श्याम तूं बोल
जय श्याम-श्याम तूं बोल ....
अन्धे को यह आँखे देता,कोढी को यह काया
निपुती को देता पूत,निर्धन को यह माया ...
मनोकामना पूरी करता,जय श्याम-श्याम तूं बोल
जय श्याम-श्याम तूं बोल ....
मने अजमाया,बन्दे तूं अजमा के देख
बदल जायेगी किस्मत,हाथों की तेरी रेख ..
हारी बाजी जीत में बदले,जय श्याम-श्याम तूं बोल
जय श्याम-श्याम तूं बोल ....

साभार - टीकम जी 

चालो जी चालो भक्तों,चालां खाटूधाम


मेला म झोली भरसी,सबकी बाबो श्याम
बोलो जय-जय श्री श्याम ....
मांगने की आदत छुट जासी,मोकलो देसी श्याम
साथीड़ा न सब न लेल्यो,करसी सबको काम ....
बोलो जय-जय श्री श्याम ....
फाल्गन क मेला म,फिरतो मिल सी श्याम
मिले जो भी थानै,कह्ज्यो जय श्री श्याम ..
बोलो जय-जय श्री श्याम ....
न जाना किस भेष म,मिल जासी बाबो श्याम
भक्तां का भी दर्शन होसी,दर्शन देसी श्याम ...
म्हारे  संग मिल कर बोलो,जय -जय श्री श्याम
जय-जय जय श्री श्याम बोलो,जय-जय जय श्री श्याम

साभार - टीकम जी 

दुनियाँ तेरी कहती है हम तो फकीर हैं

दुनियाँ तेरी कहती है हम तो फकीर हैं
रहते हम तो मस्ती में,तेरे करीब हैं!!
हम न होती फकीर गर,तुम कैसे दातार
तुम तो मालिक हो मेरे,मैं हूँ ताबेदार...
बगिया रहती हरी भरी,मेरे नसीब हैं !!
रहते हम तो मस्ती में,तेरे करीब हैं.....
दर तेरे हम आते हैं,मिलता तेरा दीदार...
परवाह नहीं किसी की,पा तुमसा करतार
दानी तुमसा मिल गया,मेरे नसीब हैं!!
रहते हम तो मस्ती में,तेरे करीब हैं.....
रखना अपनी तूं महर,तेरा हूँ कर्जदार
कर्जा चुका न पाउँगा,तेरा मैं सरकार...
 खुशनसीब मैं,रहना फ़कीर है !!
रहते हम तो मस्ती में,तेरे करीब हैं.....
दुनियाँ तेरी कहती है हम तो फकीर हैं
रहते हम तो मस्ती में,तेरे करीब हैं!!

साभार - टीकम जी 

श्याम दरबार में, करो फ़रियाद

श्याम दरबार में, करो फ़रियाद
सबकी सुनता है, बाबा श्याम ...
बाबा तेरी महिमा की, मैंने सुनी कहानी
जग में तेरे चर्चे हैं, तुमसा नहीं है दानी
सुनके आया हूँ मैं, बाबा श्याम, तेरा नाम
श्याम दरबार में....
तेरे दर पर जो आता, खाली कभी नहीं जाता..
मन की मुरादें वह पाता, दामन भरके ले जाता
तुमने पुरे किये, बाबा श्याम, सबके काम....
श्याम दरबार में....
पापी से भी पापी को, तुमने बाबा तार दिया..........
गज,अजामिल,गणिका का,तुमने श्याम उद्धार किया
कितने आते हैं, बाबा श्याम, तेरे धाम...............
श्याम दरबार में....
मीरा सी मस्ती देना, प्रहलाद सी देना शक्ति.....
हनुमत सी भक्ति देना, ये  करता है विनती
लबों पे रहें तूं, बाबा श्याम, आठों याम
श्याम दरबार में....
श्याम दरबार में, करो फ़रियाद
सबकी सुनता है, बाबा श्याम ...

साभार - टीकम जी 

 रात सुहानी दिन वो पावन होगा


रात सुहानी दिन वो पावन होगा
मधुवन जैसा मेरा आँगन होगा
देगा दर्शन कान्हा, मन भावन होगा
बैठा हूँ मैं आश, लगाये कब आये
आये कान्हा,नयनों की प्यास बुझाये
दर्शन नयन सुहावन होगा
मधुवन जैसा मेरा आँगन होगा ...
रात सुहानी दिन वो पावन होगा
मधुवन जैसा मेरा आँगन होगा
देगा दर्शन कान्हा, मन भावन होगा
मुरली की तान सुन,दौड़ी-दौड़ी आये
सुध-बुध खोये, राधा होश गंवाये
रूप कन्हैया का लुभावन होगा
मधुवन जैसा मेरा आँगन होगा...
रात सुहानी दिन वो पावन होगा
मधुवन जैसा मेरा आँगन होगा
देगा दर्शन कान्हा, मन भावन होगा
गोपियाँ नाचे,संग राधा रानी नाचे
रस भरी मुरली,कान्हा की बाजे
मेरा  मन वृन्दावन होगा
मधुवन जैसा मेरा आँगन होगा...
रात सुहानी दिन वो पावन होगा
मधुवन जैसा मेरा आँगन होगा
देगा दर्शन,कान्हा मन भावन होगा
रात सुहानी दिन वो पावन होगा ....

साभार - टीकम जी 

चालै नहीं जोर श्याम....तेरे आगै


चालै नहीं जोर श्याम....तेरे आगै
आयों हूँ म दर प, भगतां क सागै....
तूं जाण जो दिल की मेरी,म भी जाणु तेरी
ह पुराणी यारी श्याम,.........तेरी और मेरी
भगतां बिन मन नहीं,...............तेरो लागै
आयों हूँ म दर प, भगतां क सागै....
चालै नहीं जोर श्याम....तेरे आगै
आयों हूँ म दर प, भगतां क सागै....
पहली भातो खीर चूरमो,..अब के तेर होग्यो
सेठा क चक्कर म लागै,बाबा तूं भी फसग्यो
ये माया का पुजारी,............आगे पीछे भागै
आयों हूँ म दर प, भगतां क सागै....
चालै नहीं जोर श्याम....तेरे आगै
आयों हूँ म दर प, भगतां क सागै....
म तो हूँ दिवानो तेरो,..तूं भी थो दिवानो
दीवाना भगतां क घरां,थानै तो ह आणो
म तेरी  यादां म,....सारी रात जागै
आयों हूँ म दर प, भगतां क सागै.... चालै नहीं जोर श्याम....तेरे आगै
आयों हूँ म दर प, भगतां क सागै....

साभार - टीकम जी 

दरबार तेरा ओ श्याम,खुशियों का खजाना है


दरबार तेरा ओ श्याम,खुशियों का खजाना है
मिलता जो शकुन यहाँ,कहीं और न जाना है
आया जो पहली बार,दर पर तेरे ओ श्याम
जग में चर्चा तेरी, सुन कर तेरा मैं नाम...
देखा जबसे तुझे श्याम, दिल तेरा दीवाना है
मिलता जो शकुन यहाँ,कहीं और न जाना है
दरबार तेरा ओ श्याम,खुशियों का खजाना है
मिलता जो शकुन यहाँ,कहीं और न जाना है
मस्ती जो बरस रही,मस्ती में मैं खोया
नाच उठा मेरा मन,जागा जो था सोया
भक्ति का दीप यह श्याम,घर-घर में जगाना है
मिलता जो शकुन यहाँ, कहीं और न जाना है..
दरबार तेरा ओ श्याम,खुशियों का खजाना है
मिलता जो शकुन यहाँ,कहीं और न जाना है
जहाँ दीप जगे आना,जगे ज्योति तुम्हारी श्याम
गुण गान करूँ तेरा, रस पान करूँ मैं श्याम.......
रस भक्ति का तुझे श्याम,हाथों से पिलाना है
मिलता जो शकुन यहाँ,कहीं और न जाना है
दरबार तेरा ओ श्याम,खुशियों का खजाना है
मिलता जो शकुन यहाँ,कहीं और न जाना है
एक बार नहीं कई बार,पीया न प्यास बुझे
बढ़ती ही यह जाये, जब-जब मैं देखुं तुझे
मने  दे दर्शन श्याम,निश दिन दर आना है
मिलता जो शकुन यहाँ, कहीं और न जाना है
दरबार तेरा ओ श्याम,खुशियों का खजाना है
मिलता जो शकुन यहाँ,कहीं और न जाना है.

साभार - टीकम जी 

दुनियाँ तेरी कहती है हम तो फकीर हैं

दुनियाँ तेरी कहती है हम तो फकीर हैं
रहते हम तो मस्ती में,तेरे करीब हैं!!
हम न होती फकीर गर,तुम कैसे दातार
तुम तो मालिक हो मेरे,मैं हूँ ताबेदार...
बगिया रहती हरी भरी,मेरे नसीब हैं !!
रहते हम तो मस्ती में,तेरे करीब हैं.....
दर तेरे हम आते हैं,मिलता तेरा दीदार...
परवाह नहीं किसी की,पा तुमसा करतार
दानी तुमसा मिल गया,मेरे नसीब हैं!!
रहते हम तो मस्ती में,तेरे करीब हैं.....
रखना अपनी तूं महर,तेरा हूँ कर्जदार
कर्जा चुका न पाउँगा,तेरा मैं सरकार...
 खुशनसीब मैं,रहना फ़कीर है !!
रहते हम तो मस्ती में,तेरे करीब हैं.....
दुनियाँ तेरी कहती है हम तो फकीर हैं
रहते हम तो मस्ती में,तेरे करीब हैं!!

साभार - टीकम जी